सैकड़ों स्मार्टफोन के विस्फोट से भड़की आग, फोरेंसिक टीम का खुलासा


अमरावती: कुरनूल बस हादसे की जाँच के दौरान एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. फोरेंसिक टीम की प्रारंभिक जांच में पाया गया कि बस के लगेज केबिन में बड़ी संख्या में स्मार्टफोन रखे हुए थे जिसमें भीषण विस्फोट हुआ. इसके चलते आग और भड़क गई. इस हादसे में 19 यात्रियों की दर्दनाक मौत हो गई.

फोरेंसिक टीम ने प्रारंभिक जांच में पाया कि कुरनूल के बाहरी इलाके चिन्नाटेकुर के पास आग लगने वाली वेमुरी कावेरी ट्रैवल बस के लगेज केबिन में सैकड़ों मोबाइल फोन रखे हुए थे. इसमें विस्फोट होने से आग और अधिक भड़क गई. इसके चलते भारी जनहानि हुई. सबसे पहले जैसे ही बस ने दोपहिया वाहन को टक्कर मारी उसका तेल टैंक का ढक्कन फट गया और पेट्रोल रिसने लगा.

इसी दौरान दोपहिया वाहन बस के नीचे फंस गया और बस उसे कुछ दूर तक घसीटती हुई ले गई. इस बीच में चिंगारियाँ निकली और फिर पेट्रोल में आग लग गई. इससे सबसे पहले लगेज केबिन में आग लगी. इस पार्सल में करबी 400 से अधिक स्मार्टफोन रखे हुए थे. तेज गर्मी के कारण फोन की बैटरियाँ फट गई. इससे आग भड़की और लगेज केबिन के ऊपर वाले हिस्से तक फैल गई.

नतीजतन लगेज केबिन के ठीक ऊपर वाली सीटों और बर्थ पर बैठे लोगों को भागने का समय नहीं मिला. घटनास्थल और जली हुई बस की जांच करने वाली फोरेंसिक टीम ने बताया कि यही कारण है कि बस के आगे की सीटों और बर्थों पर बैठे अधिकांश लोगों की जान चली गई.

बैटरी फटने से तेज आवाज

जब सामान रखने वाले केबिन में स्मार्टफोन की बैटरियाँ एक साथ फटने लगी गई तो जोरदार आवाज हुई. इससे ड्राइवर बस रोककर अपनी सीट के पास वाली खिड़की से बाहर निकला और यात्रियों को बस में फंसा छोड़कर वहाँ से भाग गया. बस पहले से ही घने धुएँ और आग की लपटों में घिरी हुई थी. हालाँकि बस के अंदर फंसे यात्रियों ने बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन उनकी कोशिशें बेकार गई क्योंकि दाहिनी ओर का आपातकालीन द्वार नहीं खुला.

नियमों के विरुद्ध माल का ढोया जा रहा था

अपने निजी सामान के अलावा किसी भी अन्य सामान का परिवहन यात्री वाहनों में नहीं किया जाना चाहिए. लेकिन प्राइवेट ट्रैवल्स बसों के मालिक सामान ढोने के लिए यात्री वाहनों का उपयोग कर रहे हैं. वे कमर्शियल सामानों को बस केबिन में रख कर ढोते हैं. हादसे की स्थिति में आग लगने से दुर्घटना की गंभीरता बढ़ जाती है.

कुरनूल की घटना में भी प्रारंभिक रूप से यह पाया गया कि दुर्घटना की गंभीरता बढ़ने का कारण मोबाइल फोन का फटना था. आमतौर पर मोबाइल फोन का ऊपरी हिस्सा प्लास्टिक का होता है और बैटरियाँ लिथियम की होती है. प्लास्टिक कुछ ही सेकंड में जल जाता है. अगर लिथियम में आग लग जाए तो वह फट जाता है. यह जानते हुए भी यात्री वाहनों में इनका रखना इतनी बड़ी जनहानि का मुख्य कारण बन गया.

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