‘जंग सिर्फ हथियारों से नहीं जीती जाती’ — कर्नल सोफिया ने समझाया ऑपरेशन सिंदूर का असली मकसद


नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को उसकी औकात बताने वालीं कर्नल सोफिया कुरैशी ने इसे कहा कि ऑपरेशन सिंदूर भारत की मल्टी-डोमेन वॉरफेयर क्षमता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से भारत की युद्ध रणनीति में बड़ा बदलाव आया है।

दरअसल, कर्नल सोफिया कुरैशी नई दिल्ली स्थित मानेकशॉ सेंटर में आयोजित भारतीय सेना के प्रमुख चाणक्य रक्षा संवाद 2025 में यंग लीडर्स फोरम में स्पीकर के तौर पर पहुंची थीं। यहां उन्होंने भारत की युद्ध रणनीति में युवाओं की भूमिका पर अपनी बात रखी।

फेक न्यूज से बचने की सलाह
कर्नल सोफिया कुरैशी ने युवाओं को डिजिटल साक्षरता बढ़ाने और फेक न्यूज से बचने की सलाह दी हैं। उन्होंने युवाओं को ABC of KIDS का मंत्र दिया और युवा शक्ति को देश की सुरक्षा और विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया। कुरैशी ने कहा कि सेना युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर टेक्नोलॉजी में प्रशिक्षित कर रही है। इसके लिए आईआईटी, डीआरडीओ तथा अन्य संस्थानों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है।

जंग केवल बंकरों-गोलियों से नहीं
कर्नल सोफिया कुरैशी ने युवाओं से कहा- आप भारत की युवा शक्ति हैं- आप फायरपावर में ही नहीं, बल्कि फायरवॉल्स में भी प्रशिक्षित हैं। अब युद्ध केवल बंकरों या गोलियों से नहीं, बल्कि बाइट्स और बैंडविड्थ से भी लड़ा जाता है।

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में तीनों सेनाओं की भूमिका
कर्नल सोफिया कुरैशी ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि यह तीनों सेनाओं के तालमेल, आत्मनिर्भरता और नवाचार के कारण संभव हुआ।

भारत में 65 प्रतिशत युवाओं की आबादी
कर्नल ने कहा कि भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है। भारत की 65 प्रतिशत आबादी 35 साल से कम उम्र की है और यह स्ट्रेटेजिक रिजर्व है। जो देश की ‘स्ट्रैटेजिक रिजर्व’ यानी रणनीतिक शक्ति है। युवाओं की ऊर्जा, नवाचार और जिम्मेदारी देश की सुरक्षा और विकास में अहम भूमिका निभा रही है।

उन्होंने कहा कि भारत का भविष्य आपके (युवाओं) हाथ में है। चाहे आप सैनिक हों, शिक्षक, कोडर या डिजाइनर, प्रयास से सफलता मिलती है।

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