श्री अभिषेक माथुर जी : धर्म, अध्यात्म और जनकल्याण की जीवंत मिसाल

श्री अभिषेक माथुर जी : धर्म, अध्यात्म और जनकल्याण की जीवंत मिसाल

उज्जैन (मध्य प्रदेश)

जब संसार भौतिकता की ओर तेज़ी से भाग रहा है, तब भी कुछ ऐसे लोग हैं जो जीवन को केवल सफलता से नहीं, बल्कि सेवा और साधना से मापते हैं। ऐसे ही एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व हैं — डॉ. अभिषेक माथुर, जिन्हें समाज में आदरपूर्वक श्री गुरुरज कींकर दास (भगत जी) के नाम से जाना जाता है।
वे श्री जानकी रमन एजुकेशन एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी तथा धर्म आध्यात्मिक एवं जनकल्याण समिति के अध्यक्ष हैं। उनका कार्यक्षेत्र केवल उज्जैन तक सीमित नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर फैला हुआ है।

🌿 आरंभिक जीवन और शिक्षा

श्री अभिषेक माथुर जी का निवास श्री करह सरकार, सद्गुरु सेवा सदन, महाकाल मार्ग, वियामशाला, संत मीरा स्कूल के पास, उज्जैन (मध्य प्रदेश) में है।
उन्होंने स्नातक स्तर की शिक्षा के साथ-साथ आयुर्वेद विशारद, संगीत, और प्राकृतिक चिकित्सा की विधिवत शिक्षा प्राप्त की है। अपने 13 वर्षों के शैक्षणिक कार्यकाल में उन्होंने शिक्षा के प्रसार के लिए समर्पित होकर कार्य किया।

किन्तु उनके भीतर एक और गहरी पुकार थी — अध्यात्म और सेवा की भावना। इसी प्रेरणा ने उन्हें सनातन धर्म और समाज सेवा के मार्ग पर अग्रसर किया।

🕉️ आध्यात्मिक जीवन और सनातनी विचारधारा

श्री अभिषेक माथुर जी आज के युग में सनातन संस्कृति के जीवंत प्रचारक हैं।
वे केवल प्रवचन या अनुष्ठान तक सीमित नहीं हैं, बल्कि युवा पीढ़ी के भीतर अध्यात्म के प्रति जागरूकता और आस्था उत्पन्न करने का कार्य भी कर रहे हैं।

उनकी संस्था द्वारा नियमित रूप से भगवत स्मरण, भगवत कीर्तन, आध्यात्मिक संगोष्ठी, और विशाल भंडारे का आयोजन पिछले 18 वर्षों से निरंतर किया जा रहा है।
उनके श्री करह बिहारी सरकार सद्गुरु सेवा सदन में हर सप्ताह और पर्व विशेष पर श्रीमद् भागवत पाठ, श्री रामचरितमानस पाठ, सुंदरकांड पाठ, तथा वेदोक्त विधि से मंगल भात पूजा, कालसर्प योग निवारण, गृहदोष शांति, और वास्तु दोष निवारण जैसे अनुष्ठान सम्पन्न करवाए जाते हैं।

🏅 सम्मान और उपलब्धियाँ

श्री अभिषेक माथुर जी को अब तक राष्ट्रीय स्तर पर 50 से अधिक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
सामाजिक सुधार और अध्यात्म के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान को देखते हुए उनका नाम चार वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज है।
उन्हें राष्ट्रीय रत्न विद्यावाचस्पति की उपाधि से भी अलंकृत किया गया है — जो उनके ज्ञान, सेवा और संस्कारों की सार्थक पहचान है।

🌸 समाज सेवा और भविष्य की योजनाएँ

उनकी संस्था श्री जानकी रमन एजुकेशन एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी समाज कल्याण के विविध क्षेत्रों में सक्रिय है —

निर्धनों को निःशुल्क सहायता प्रदान करना

धार्मिक कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में एकता और सद्भाव बढ़ाना

युवाओं को संस्कार और आत्मबल से जोड़ना

भविष्य में वे एक विशाल आध्यात्मिक क्षेत्र, गौशाला, हॉस्पिटल और आवासीय विद्यालय की स्थापना का सपना देख रहे हैं। यह योजना ठाकुर जी की कृपा से शीघ्र ही साकार होने जा रही है।

🙏 आध्यात्मिक प्रेरणा और जनमानस में प्रभाव

श्री अभिषेक माथुर जी ने अपने जीवन से यह सिखाया है कि अध्यात्म केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं, बल्कि यह जीवन का अनुशासन और सेवा का माध्यम है।
उनके मार्गदर्शन में अनेक युवा आज सकारात्मक जीवनशैली, संस्कारयुक्त सोच, और सेवा भाव अपनाकर समाज में बदलाव ला रहे हैं।

वे कहते हैं —

“जब तक मनुष्य अपने भीतर के भगवान को नहीं पहचानता, तब तक संसार का कोई सुख स्थायी नहीं हो सकता।”

उनकी वाणी में सच्चाई, उनके कर्मों में समर्पण और उनके जीवन में सनातन संस्कृति की झलक स्पष्ट दिखाई देती है।

📞 संपर्क जानकारी

नाम: डॉ. अभिषेक माथुर (राष्ट्रीय रत्न विद्यावाचस्पति)
आध्यात्मिक नाम: श्री गुरुरज कींकर दास (भगत जी)
पद: अध्यक्ष – श्री जानकी रमन एजुकेशन एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी, धर्म आध्यात्मिक एवं जनकल्याण समिति
पता: श्री करह सरकार, सद्गुरु सेवा सदन, रावला गुदरी बाजार, उज्जैन, मध्य प्रदेश
मोबाइल: +91 93011 43329

🌺 निष्कर्ष

श्री अभिषेक माथुर जी का जीवन इस बात का साक्षात प्रमाण है कि यदि व्यक्ति में श्रद्धा, सेवा और समर्पण का भाव हो, तो वह समाज में परिवर्तन की अमिट छाप छोड़ सकता है।
उन्होंने अध्यात्म को केवल ग्रंथों से निकालकर जन-जन के जीवन में उतारने का कार्य किया है।
उनकी संस्था और प्रयास आज भी उसी भाव से आगे बढ़ रहे हैं —
“सबका कल्याण हो, सबका मंगल हो, यही सच्चा धर्म है।” 🌼

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